समय के जो पैर हैं न...उनमें पर होते हैं...समय उन परों के साथ उड़ता जाता है...तेज ...बहुत तेज!!! पर हमारी सोच...हमारे ख़यालात हमारे पैरों के सहारे ही धीरे धीरे कभी कभी हमारी चाल से भी धीमे...पीछे छूट जाते हैं! और जब नयी पीढ़ी आती है तो यही बन जाता है Gen-Gap!
आज हम उस ज़माने में जी रहे हैं, जहाँ हम अपने आस पास खूब प्यार मुहब्बत देखते हैं... कुछ एक live-in relationship भी दिख पड़ते हैं! हमारे आजाद नज़रिए से सब normal लगता है...और इन्ही सब केे बीच धीरे से हम भी अपनी प्यार की नयी कहानी बुनने लगते हैं | ताना बना बुनते हुए हमारी गाड़ी धीरे धीरे छुक छूक करके चलने लगती है| मगर इस के पहले की हमारी मंजिल... हमारा station आ पता, बीच में ही माँ बाप का हाल्ट आ जाता है...
हमारे माँ बाप जिन्होंने ने आदर्श संतानों की तरह अपने माता पिता के बुने हुए रिश्तों को नयी मुकाम दी ...और हमारी मूर्ति को बूँद बूँद पानी से सींचते हुए खड़ा किया...उनके सामने हम, उनके सारे अरमानों को चुनौती देते हुए अपनी एक पसंद ले कर आते हैं और कहते हैं...
...पापा, मुझे फलां लड़की पसंद है...मैं उससे शादी करना चाहता हूँ!कभी कभी ये पसंद उन सारे बन्धनों को भी पार कर जाती है, जिन्हें हमारे पलानकर्ताओं ने ता-उम्र सर माथे रखा है... और नतीजा...नतीजा होता है की सारे अरमान टूट जाते हैं...सारे ख्वाब रूबरू होने के पहले ही धुआं हो जाते हैं...सपनों के घरोंदें बिखर जाते हैं...मेरे भी और पापा के भी...
मैं सोचता हूँ, आखिर गलत ही क्या किया था मैंने, प्यार ही तो किया था? कोई चोरी तो की नहीं...कोई गलती नहीं की! जवानी का जोश था...विद्रोह की उम्र थी...और चल परे हम अपने चुने रस्ते, प्यार मुहब्बत की फरियाद लिए हुए...एक नयी दास्ताँ लिखने...पापा के सारे घरोंदों की कीमत पर अपना एक प्यारा घरोंदा बसा लिया था हमने!
खैर, जैसा की हम बातें कर रहे थे, समय अपनी आदत से मजबूर...पैरों में पर लगा कर उड़ता चला गया...और हमारे ख़यालात हमारे भी पीछे छूट गए|
आज मेरा बेटा आया था... उसके आने पर मुझे कुछ वैसी ही ठंढक महसूस हुई जैसी की मुझे २५ साल पहले पापा के पास जाते हुए महसूस हुई थी! पर आज मैं तैयार था, दकियानूसी नहीं था...आजाद ख्यालों के साथ अपने बेटे की पसंद को अपने घर की रौनक बनाने को बेताब था...
मैंने, बड़े प्यार से कहा...बोलो बेटा, अपने दिल की बात बेधरक बोलो?
बेटे ने बेधरक ही अपनी नयी anglicised tone में अपने दिल की बात कह दी... Dad, You know Sam...the guy who works with me. I love him, Dad. I want to marry him!!!
मेरी धड़कन उसी बेधरकी से बंद हो चुकी थी...मेरा बेटा भी आज सोच रह था की उसने तो प्यार ही किया है...कोई पाप तो नहीं किया? शायद वो भी अपने सपनों की नयी दास्तान लीखेगा...जिसमे मैं नहीं रहूँगा...ठीक उसी तरह जैसे पापा मेरे सपनो से गायब हो गए थे!
पर. आज एक बार फिर, सारे अरमान टूट चुके हैं... सारे ख्वाब धुएं में उड़ गए है... सपनों का घरोंदा आज एक बार फिर टूट गया है...
आज मुझे पापा की याद बहुत आ रही है...
a time will come when people will say ek time tha jab ldke aur ladkiyo ki shadiya hoti thi.lol.
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