और कभी कभी वक्त बंध जाता है,
नज़रें ठहर जाती हैं,
और सांसें थम जाती हैं...
कभी कभी बस इश्क हो जाता है!
बस दो पल
और की हम भीख मांगते हैं...
पर पूरा दिन अकस्मात ढल जाता है,
कभी कभी बस इश्क हो जाता है!
कभी कभी बस इश्क हो जाता है!
जुदाई का समय करीब,
बेपनाह विरह अजीब,
बस एक चेहरा नज़र आता है...
कभी कभी बस इश्क हो जाता है!